संगम नगरी प्रयागराज में स्थित मुगलकालीन स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है ‘खुसरो बाग’

संगम नगरी प्रयागराज में स्थित मुगलकालीन स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है ‘खुसरो बाग’

खुसरो बाग 67 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इसके चारों तरफ लाल पत्थर की ऊंची दीवारें हैं।
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इलाहाबाद जंक्शन के करीब स्थित खुसरो बाग (Khusro Bagh) दिवारों से अच्छी तरह से घिरा हुआ एक ऐतिहासिक स्मारक है। यहां जहाँगीर (Jahangir ) के बेटे ‘सुल्तान खुसरो’ तथा खुसरो की बहन ‘निसार बेगम’, खुसरो की माँँ ‘शाह बेगम’ तथा बीवी ‘तामोलन’ का मकबरा है। इस बाग़ में स्थित कब्रों पर करी गयी नक्काशी देखते ही बनती है जो मुग़ल कला संग स्थापत्य कला का एक जीवंत उदाहरण है। इन्हें 17वीं शताब्दी में यहां दफनाया गया था। बाग़ की उत्कृष्ट और अलंकृत वास्तुकला एक समृद्ध समय की कहानी बयान करती है और वर्तमान समय में यहां 14.5 हेक्टेयर मेंं फैली राजकीय पौधशाला की हरियाली भी आगंतुकों को सुकून प्रदान करती है।

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