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ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नकली प्रोडक्ट रिव्यु लिखने वालों पर सरकार करने जा रही कार्रवाई

इस बैठक में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर फर्जी रिव्यू लिखने वाले लोगों पर शिकंजा कसने के लिए योजना बनाई गयी।

Aastha Singh
  • क्या आप कभी ऑनलाइन खरीदे गए किसी प्रोडक्ट के रिव्यु के कारण गुमराह हुए हैं ?

  • क्या आपने ऑनलाइन कुछ खरीदने के बाद ठगा हुआ महसूस किया क्योंकि घर आया प्रोडक्ट ऑनलाइन देखे गए प्रोडक्ट के अनुरूप नहीं था ?

फर्ज़ी समीक्षा कर ग्राहकों को गुमराह करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों पर सरकार अब शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों के अधिकारीयों को बीते शुक्रवार को तलब किया है।

सरकार का दावा है कि वह ऐसी स्थितियों और उपभोक्ताओं के सामने आने वाली परेशानियों से वाकिफ़ है। और अब इस तरह के मुद्दों को हल करने और रोडमैप तैयार करने के लिए शुक्रवार को डिपार्टमेंट ऑफ़ कंस्यूमर अफेयर्स (Department of Consumer Affairs) ने एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया (Advertising Standards Council of India) के सहयोग से एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई थी। और इस बैठक में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नकली रिव्यु के मैग्नीट्यूड का आकलन किया गया जो उपभोक्ताओं को खरीदारी के लिए गुमराह करते है।

चर्चा के मुद्दे और कौन कौन हुआ शामिल

इस संबंध में, डिपार्टमेंट ऑफ़ कंस्यूमर अफेयर्स के सचिव रोहित कुमार सिंह ने ई-कॉमर्स संस्थाएं जैसे Flipkart, Amazon, Tata Sons, Reliance Retail के सभी हितधारकों को और उपभोक्ता मंच, कानून विश्वविद्यालय, वकील, FICCI, CII, उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता आदि को बैठक में शामिल होने के लिए लेटर लिखा।

पत्र के साथ, सिंह ने यूरोपीय आयोग की 20 जनवरी, 2022 की एक प्रेस रिलीज़ भी साझा की है, जिसमें 223 प्रमुख वेबसाइटों पर ऑनलाइन उपभोक्ता रिव्यूज़ पर यूरोपीय संघ-व्यापी स्क्रीनिंग के परिणामों पर प्रकाश डाला गया है।

सरकार ने करवाई 223 वेबसाइट की समीक्षा

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, हमने भी 223 प्रमुख ई-कॉमर्स वेबसाइटों की समीक्षा कराई है। इसमें पाया गया कि 55 फीसदी वेबसाइट यूरोपीय संघ के तय खरीद-बिक्री के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। 144 वेबसाइट के मामले में अधिकारी यह भी सत्यपति नहीं कर पाए कि वे व्यापारी समीक्षाओं को प्रामाणिक बनाने के लिए किसी भी तरह का कोई प्रयास कर रहे थे।

मंत्रालय एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया के साथ अधिकारीयों की बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म्स पर ऑनलाइन उत्पाद खरीदने और सेवाओं का किस तरह से समीक्षा करती हैं। इसी समीक्षा के आधार पर यह देखा जाता है कि ग्राहक खरीदारी के लिए कैसे तैयार हो जाते हैं। बैठक में समीक्षा स्तर पर चर्चा के बाद आगे की योजना बनाने पर फैसला हो सकता है। समीक्षा में दोषी पाए जाने पर ई-कॉमर्स कंपनियों पर सरकार कार्रवाई भी कर सकती है।

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