सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और ब्लॉगर्स 
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इंफ्लुएंसर और ब्लॉगर्स हो जाएं सावधान, पेड प्रमोशन करने वालों के लिए सरकार ला रही सख्त गाइडलाइन

इंफ्लुएंसर अगर किसी उत्पाद का प्रमोशन कर रहे हैं तो उन्हें अपने फॉलोवर्स को यह बताना अनिवार्य होगा कि उनका उस उत्पाद या ब्रांड से क्या संबंध है।

Pawan Kaushal

अगर आप एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर है और आपके हज़ारों लाखों फॉलोवर्स और इसके जरिये आप प्रोडक्ट्स का प्रमोशन करते हैं पैसा कमाते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सरकार सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार करने वाले इंफ्लुएंसर के लिए उपभोक्ता मामले का विभाग जल्द ही सख्त गाइडलाइन लेकर आने वाला है जिसका पालन करना होगा। इसके तहत इंफ्लुएंसर अगर किसी उत्पाद का प्रमोशन कर रहे हैं तो उन्हें अपने फॉलोवर्स को यह बताना अनिवार्य होगा कि उनका उस उत्पाद या ब्रांड से क्या संबंध है।

जानकारी के मुताबिक प्रस्तावित दिशानिर्देशों में इस बात का प्रावधान किया गया है कि, अगर कोई सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर किसी ब्रांड या उत्पाद को प्रमोट करने के लिए रुपये लेता है, तो उसे उस ब्रांड या उत्पाद के साथ उसका क्या संबंध है इसकी सही जानकारी लोगों को देनी होगी। इसके साथ ही इंफ्लुएंसर को एंडोर्समेंट पोस्ट में डिस्क्लेमर भी लगाना होगा।

पेड प्रमोशन करने वाले हर व्यक्ति पर लागू होंगे यह नियम

प्रस्ताव में इस बात को स्पष्ट रुप से कहा गया है कि, गाइडलाइन सेलिब्रिटीज और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर दोनों पर लागू होगी और इसका पालन हर हाल में किया जाना है। अगर कोई इन गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो सरकार उससे जुर्माना वसूलेगी। फिलहाल इस पर गाइडलाइन जारी करने के लिए सरकार सभी स्टेकहोल्डर्स से उनकी राय ले रही है ताकि कोई भी अनावश्यक परेशानी इंफ्लुएंसर को ना उठानी पड़े।

साथ ही उपभोक्तओं के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार अब फेक रिव्यु लिखने वालों पर भी शिकंजा कसने जा रही है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि प्रमोशन करने वाले और प्लेटफार्म दोनों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स का कारोबार करने वाली कंपनियों को इस बात का खुलासा करना चाहिए कि वे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से प्रासंगिक समीक्षा कैसे करते हैं।

आपको बताते चलें कि, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने 31 जुलाई को ऑनलाइन उपभोक्ताओं को उत्पादों और सेवाओं के फेक रिव्यूज से बचाने के लिए सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसरों और ब्लॉगर्स को गाइडलाइन के तहत लाने के लिए कहा। CAIT ने यह भी कहा कि किसी भी सेवा या उत्पाद की रेटिंग को एक विस्तृत गाइडलाइन के तहत लाना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को भ्रमित होने से बचाया जा सके।

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