महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar)
महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar) 
Jaipur-Hindi

जयपुर में 140 वर्षों से मिठास बाँट रहा है महावीर रबड़ी भंडार, अब विरासत संभाल रही है चौथी पीढ़ी

Aastha Singh

जयपुर के महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar) का अस्तित्व 140 वर्षों से है और यह मिठास से सराबोर दूकान अपने आप में एक संस्था है। शहर की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक पर स्थापित एक साधारण सी दुकान, महावीर रबड़ी भंडार वर्षों से विशाल व्यवसाय कर रहा है और उसे जयपुर में किसी भी प्रकार के परिचय की आवश्यकता नहीं है। हवा महल के पास मिश्रा राजाजी की गली में स्थित इस दुकान की शुरुआत भले ही एक छोटी सी दुकान के रूप में हुई हो लेकिन वर्तमान समय में यह दुकान अपने आप में किसी ब्रांड से कम नहीं है।

यह रबड़ी बनाने में माहिर हैं, जो मीठा दूध से बना व्यंजन है जो अभी भी पारंपरिक पत्ती के दोने में परोसा जाता है। आज भी यहाँ की रबड़ी का आकर्षण ऐसा है कि हर वर्ग के लोग इस स्वादिष्ट और किफायती व्यंजन का स्वाद लेने के लिए दुकान में भीड़ लगाते हैं।

स्वादिष्ट और हर वर्ग के लिए किफायती

महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar)

इन वर्षों में, महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar) ने कुछ और आइटम भी अपने मेनू में जोड़े हैं जो समान रूप से लोकप्रिय हैं - मिस्सी रोटी और पनीर, आलू और प्याज की सब्ज़ी (पनीर, आलू और प्याज की मिश्रित सब्जी)। यहाँ की थाली बेहद मशहूर है जिसमें आलू प्याज की सब्जी, बेजड़ की रोटी, मिर्ची के तकोरे और लहसुन की चटनी के साथ पारम्परिक रबड़ी आदि मिलाकर तैयार की जाती थी। यानी हर वर्ग का व्यक्ति यहां आराम से खाना खा सकता है। ”बहुत से लोग पार्टियों और पिकनिक के लिए रोटी और सब्ज़ी (किलो में बेची गई) पैक करवाते हैं। यहां आपको 80 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की थाली मिलती है।

महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar)

दादा ने की थी शुरुआत, पोती बढ़ा रही हैं कारवां

महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar)

हावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar) की शुरुआत आज से करीब 14 दशक पहले अखाड़ा चलाने वाले पहलवान कपूरचंद्र ने की थी। वैसे तो कपूरचंद्र इलाके के जाने-माने पहलवान थे ही लेकिन अपने खिलाने-पिलाने के शौक के कारण उन्होंने पहलवानी छोड़ रबड़ी का व्यापार शुरू करना ज्यादा मुनासिब समझा। इस काम की शुरुआत दही और रबड़ी बेचने से हुई थी जो धीरे-धीरे गुलाब जामुन और दूसरी अन्य मिठाइयों में जाकर बदल गया।

कपूरचंद्र पहलवान के इसी काम को आज उनकी पोतियां आगे बढ़ाने में लगी हुई हैं। जिसमें सीमा बड़जात्या की अग्रिम भूमिका है। सीमा अपनी बेटी अमृता जैन व पति अनिल बड़जात्या के साथ मिलकर इस काम को संचालित कर रही हैं।

खाना पकाने के शौक ने बना दिया उद्यमी

महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar)

अमृता को अपने पिता की तरह बचपन से ही खाना पकाने का शौक था। इस शौक के कारण वह इस व्यापार से करीब 15 साल पहले जुड़ी थीं। अमृता ने मिठाई के साथ थाली और दूसरे राजस्थानी व्यजनों में अन्य मेन्यू भी बढ़ाए। इसमें आलू प्याज की सब्जी, बेजड़ रोटी आदि शामिल हैं। यहां हर दिन तक़रीबन 200 किलो सब्जी तैयार होती है, इसी से यहां आने वाले ग्राहकों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

तो अगली बार जब भी आप जयपुर जाएं, तो महावीर रबड़ी भंडार (Mahaveer Rabri Bhandar) की रबड़ी और राजस्थानी खाने का स्वाद लेना न भूलें।

To get all the latest content, download our mobile application. Available for both iOS & Android devices. 

Inside Bandra's 34-YO Khane Khas: Co-Owners Hardeep & Atul dish out story behind their success!

Whisking the 'Flavour of Love': How 20-YO Avinash from Lucknow is 'baking' his dreams come true

Lok Sabha Elections 2024: Mumbai Metro to offer 10% discount to voters on May 20

IPL 2024 Schedule | Here's the list of matches in Lucknow's Ekana stadium!

IIT Kanpur's emerging robot enables unmanned substation inspections, identifies power faults

SCROLL FOR NEXT