Hindi

जानें भारत में पहली बार कब हुआ था EVM का इस्तेमाल, क्या है EVM से वोटिंग की प्रक्रिया और रखरखाव

चुनाव आयोग के मुताबिक साल 1989-90 में जब ईवीएम खरीदी गई थीं उस समय प्रति ईवीएम (एक कंट्रोल यूनिट, एक बैलेटिंग यूनिट एवं एक बैटरी) की लागत 5500/- थी

Pawan Kaushal

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में विधानसभा चुनाव में ईवीएम के द्वारा वोटिंग का सिलसिला जारी है। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में वोटिंग ईवीएम द्वारा हो रही है। उसके बाद 10 मार्च को वोटों की काउंटिंग होगी। लेकिन क्या आप जानते है वोटिंग के बाद ईवीएम कहां रखी जाती है। ईवीएम का डाटा कैसे सुरक्षित रखा जाता है और कब तक सुरक्षित रखा जा सकता है। ईवीएम को स्ट्रांग रूम तक कैसे पहुंचाया जाता है। कितने दिन ईवीएम में डाटा सुरक्षित रखा जा सकता है। ईवीएम की सुरक्षा कैसे होती है और कैसे पोलिंग पार्टियों को ईवीएम आवंटित की जाती है। और भारत में ईवीएम का इस्तेमाल पहली बार कब हुआ था।आपके इन्ही सारे सवालों के जवाब आज हम आपके लिए इस लेख के द्वारा लेकर आये हैं।

To get all the latest content, download our mobile application. Available for both iOS & Android devices. 

Mumbai’s new Sindoor Flyover to open on July 10, replacing 150-year-old Carnac Bridge

35L daily commuters but only 1,810 trains! CR urges 800 Mumbai offices to tweak work hours

No permits, no ride! Uber Shuttle to exit Mumbai roads from July 12

Lucknow’s Ekana Stadium set to host all 34 UPT20 league matches | Details

311 Mumbai bakeries miss clean fuel deadline; extension till July 28

SCROLL FOR NEXT