राजनारायण मिश्र
राजनारायण मिश्र  
Uttar-Pradesh-Hindi

राजनारायण मिश्र - आज़ादी के आंदोलन का सशक्त क्रांतिवीर जिसके नाम हुई ब्रिटिश साम्राज्य की आखिरी फांसी

Aastha Singh

चाहे जितनी तरह से कही जाए, और जितनी बार, भारत की आज़ादी की कहानी से कुछ छुट ही जाता है। हमारे देश की आज़ादी के किस्सों में कितने ही उत्सर्ग ऐसे हैं जिनकी ध्वनि लोगों तक नहीं पहुंची, कितने ही पन्ने अधखुले हैं, कितनी कुर्बानियां अकथ रह गयी हैं। 9 दिसंबर, 1944 को लखनऊ में ‘इन्कलाब जिंदाबाद’ का उद्घोष करते हुए शहादत का वरण करने वाले क्रांतिकारी राजनारायण मिश्र (Rajnarayan Mishra) को उनकी शहादत का सिला मिला होता तो आज आप उन्हें जानते होते। ब्रिटिश साम्राज्य में सबसे नौजवान फांसी थी खुदीराम बोस (Khudiram Bose) की और विराम लगा राजनारायण मिश्र जी की फाँसी से।

आईये जानते हैं राजनारायण मिश्र किन अवधारणाओं और अंग्रेज़ शासन के हांथों किन शोषित परिस्थतियों में बड़े हुए होंगे की 24 साल की छोटी उम्र में ही उन्हें अपने प्राणों की बलि चढ़ानी पढ़ी।

अंग्रेज़ हुकूमत के सशस्त्र प्रतिरोध

लखनऊ में शहीद इन राजनारायण मिश्र का जन्म लखीमपुर खीरी जिले के कठिना नदी के तटवर्ती भीषमपुर गांव में साल 1919 की बसंत पंचमी को हुआ था। बलदेवप्रसाद मिश्र के इस पुत्र ने दो साल के होते-होते अपनी मां तुलसी देवी को खो दिया था और होश संभाला तो पाया की पूरा देश ही दुर्दशाग्रस्त है और इसका सबसे बड़ा कारण गुलामी है।

फिर, 23 मार्च, 1931 को सरदार भगत सिंह की शहादत के बाद राजनारायण ने उनको अपना आदर्श मानकर जो सशस्त्र साम्राज्यवाद विरोधी प्रतिरोध संगठित करना शुरू किया तो फांसी पर चढ़ने तक लगे रहे, बिना थके और बिना पराजित हुए। पांच भाइयों में सबसे छोटे, उन्होंने केवल 22 साल की उम्र में हथियार इकट्ठा करके अंग्रेजों को भगाने की कोशिश की। उनके आंतरिक उत्साह ने उन्हें आश्वस्त किया कि औपनिवेशिक ब्रिटिश साम्राज्य से लड़ने के लिए सशस्त्र प्रतिरोध की आवश्यकता है।

राजनारायण मिश्र ने कहा था कि हमें दस आदमी ही चाहिए, जो त्यागी हों और देश की ख़ातिर अपनी जान की बाज़ी लगा सकें. कई सौ आदमी नहीं चाहिए जो लंबी-चौड़ी हांकते हों और अवसरवादी हों।

पर मेरी तो यह अभिलाष,चिता-नि‍कट भी पहुँच सकूँ मैं अपने पैरों-पैरों चलकर

1942 में हथियार लूटने की कोशिश में, लखीमपुर खीरी के उपायुक्त फायरिंग में मारे गए, जिसके बाद उन्होंने गाँव छोड़ दिया। इस घटना के बाद अंग्रेजों ने उनके परिवार को प्रताड़ित किया। घर गिराकर हल चलवा दिया। घर में रखे सारे सामानों को भी लूट लिया। आखिरकार, औपनिवेशिक अधिकारियों ने मिश्रा को स्वतंत्रता कार्यकर्ता नसीरुद्दीन मौज़ी के साथ गोली मारने के आरोप में पकड़ लिया। मिश्रा को अक्टूबर 1943 में मेरठ के गांधी आश्रम से गिरफ्तार किया गया और 27 जून 1944 को मौत की सजा सुनाई गई। 1942 में हथियार लूटने के प्रयास में लखीमपुर खीरी के उपायुक्त की गोलीबारी में मौत हो गई, जिसके बाद उन्होंने गांव छोड़ दिया।

इस घटना के बाद अंग्रेजों ने उनके परिवार को प्रताड़ित किया। आखिरकार, औपनिवेशिक अधिकारियों ने मिश्रा को स्वतंत्रता कार्यकर्ता नसीरुद्दीन मौज़ी के साथ गोली मारने के आरोप में पकड़ लिया। मिश्रा को अक्टूबर 1943 में मेरठ के गांधी आश्रम से गिरफ्तार किया गया और 27 जून 1944 को महज़ 24 साल के राजनारायण मिश्र को मौत की सजा सुनाई गई। पहली जुलाई को उन्हें लखनऊ जेल भेज दिया गया और बाद में चीफ कोर्ट ने भी उनकी सजा पर मोहर लगा दी।

शीघ्र ही आप लोगों के बीच से जा रहा हूं। मेरे हृदय में किसी प्रकार का दुख नहीं है। आजादी के लिए मरने वाले किसी के प्रति द्वेष-भाव नहीं रखते हैं। हंसते-हंसते बलिवेदी पर चढ़ जाते हैं। किसी के प्रति कोई कटु वाक्य नहीं कहते हैं। जाने वाले का कौन साथ देता है। आप लोग किसी तरह की चिंता न करें। मां ने मुझे हंसने के लिए ही पैदा किया था। अंतिम समय में भी हंसता ही रहूंगा।
राजनारायण मिश्रा ने जेल से झारखंडे राय को लिखे पत्र की चंद पंकितियाँ
राजनारायण मिश्र स्मारक

बेशक, उन्हें प्रिवी कौंसिल (Privy council) में अपील की मोहलत मिली, लेकिन परिवार की गरीबी और समाज की कृतघ्नता के कारण वह अपील हो ही नहीं पाई। तब माफी मांग लेने की गोरों के प्रस्ताव का जवाब, उन्होंने अपनी इस अंतिम इच्छा से दिया था - एक यह कि वह स्वयं अपने गले में फंदा लटकाएंगे और फांसी पर लटक जाने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानी ही फंदे से मुक्त करेंगे।

To get all the latest content, download our mobile application. Available for both iOS & Android devices. 

Mumbai Metro Line 3 enters final phase; loaded trials set to begin next week

Ahmedabad News Roundup | Rajkot-A'bad rail route upgrade, semiconductor CoE at LD College & more

THESE 27 GI tagged items chronicle Uttar Pradesh's rich heritage & culture

IPL 2024 Schedule | Here's the list of matches in Lucknow's Ekana stadium!

Second heatwave grips Mumbai and neighbouring areas; Yellow Alert issued

SCROLL FOR NEXT