Monkeypox - दुनियाभर में तेज़ी से फैल रहा मंकीपॉक्स वायरस, 12 देशों में दर्ज हुए 100 मामले

Monkeypox - दुनियाभर में तेज़ी से फैल रहा मंकीपॉक्स वायरस, 12 देशों में दर्ज हुए 100 मामले

भारत में मंकीपॉक्स का एक भी मामला नहीं आया लेकिन अन्य देशों में मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्यों को सतर्क रहने का निर्देश दिया हैं।

दुनिया महामारी के तीसरे वर्ष से जूझ रही है, लेकिन अब एक और संक्रमण मंकीपॉक्स (monkeypox) का प्रकोप बढ़ रहा है। लगभग 12 देशों में दर्ज हुए 100 मामलों के साथ, मंकीपॉक्स (monkeypox)ने दुनिया भर में एक नए स्वास्थ्य संकट की लहर पैदा कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, हालांकि, भारत में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।

लेकिन यहां सवाल यह है कि क्या भारत मंकीपॉक्स (monkeypox) के प्रकोप और एक अन्य स्वास्थ्य इमरजेंसी से लड़ने में सक्षम होगा? हम यहां आपको मंकीपॉक्स (monkeypox), इसके प्रसार, लक्षण, उपचार और इस संक्रमण के खिलाफ देश की सतर्कता के बारे में जानने की जरूरत है।

मंकीपॉक्स क्या है?

मंकीपॉक्स, मंकीपॉक्स (monkeypox) के कारण होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है, जो चेचक की तरह ही है। हालांकि, आमतौर पर यह ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है। यह एक अर्थोपोक्सवाइरस (Orthopoxvirus) है, जो वायरस का एक जीनस है जिसमें वेरियोला वायरस (Variola Virus) भी शामिल है, जिसके चलते चेचक होता है। इसी परिवार के वैक्सीनिया वायरस (Vaccinia virus) का इस्तेमाल चेचक के टीके में किया गया था। आम तौर पर मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में होने वाला यह वायरस पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था। इंसानों में पहली बार यह मामला 1970 में दर्ज किया गया था।

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स (monkeypox) तब फैलता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति, जानवर या वायरस से संक्रमित के संपर्क में आता है। वायरस त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या आंख, नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। मानव-से-मानव में यह आमतौर पर रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है। पशु से इंसानों में यह काटने या खरोंच के माध्यम से फैल सकता है। मंकीपॉक्स (monkeypox) को आमतौर पर सेक्शुअली फैलने वाला रोग नहीं माना जाता है, हालांकि सेक्स के दौरान यह एक इंसान से दूसरे में फैल सकता है। दिलचस्प बात यह है कि वर्तमान समय के वैश्विक प्रसार के लिए इसी माध्यम को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स (monkeypox) के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, सूजन, मांसपेशियों में दर्द, थकावट शामिल हैं। एक बार बुखार विकसित हो जाने पर, लोगों को खुजली वाले दाने, चेहरे, हाथों और पैरों के तलवों पर घाव हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मंकीपॉक्स (monkeypox) की इन्क्यूबेशन अवधि आमतौर पर 6 से 13 दिनों की होती है, लेकिन यह 5 से 21 दिनों तक हो सकती है।

मंकीपॉक्स का इलाज

मंकीपॉक्स (monkeypox) के लिए वर्तमान में कोई प्रमाणित और सुरक्षित इलाज नहीं है, हालांकि अधिकांश मामले हल्के होते हैं. जिन लोगों को वायरस से संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें कमरे में अलग-थलग किया जा सकता है। मंकीपॉक्स (monkeypox) की पुष्टि नमूने के प्रकार और गुणवत्ता और प्रयोगशाला परीक्षण के प्रकार पर निर्भर करती है। मंकीपॉक्स (monkeypox) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए टीकाकरण का आकलन करने के लिए अब स्टडी चल रही है। हालांकि, चेचक के टीके वायरस के प्रसार को रोकने में काफी हद तक प्रभावी साबित हुए हैं। एंटीवायरल दवाएं भी मदद कर सकती हैं।

भारत में मंकीपॉक्स की स्थिति

अब तक, भारत में मंकीपॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया हैं, लेकिन सभी अंतरराष्ट्रीय प्रवेश बिंदुओं पर स्क्रीनिंग तेज कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में हवाई अड्डे के अधिकारी उन देशों से आने वाले यात्रियों की जाँच कर रहे हैं जहाँ प्रकोप के मामले हैं।

अधिकारियों को संदिग्ध वाहकों की पहचान करने के लिए इन यात्रियों का 21 दिन का यात्रा इतिहास एकत्र करने के लिए कहा गया है। यदि मंकीपॉक्स (monkeypox) का पता चलता है, तो इन रोगियों को बेहतर होने तक आइसोलेट किया जाएगा। इसके लिए बीएमसी ने कस्तूरबा अस्पताल में 28 बेड का वार्ड तैयार रखा है।

साथ ही नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) भी पूरी स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए हैं।

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