भारत में जेनोवा कंपनी द्वारा निर्मित स्वदेशी mRNA वैक्सीन को DGCI ने दी मंजूरी
गंभीर स्थिति में भी कोरोना के खिलाफ कारगर और सबसे अधिक प्रभावशाली स्वदेशी वैक्सीन अब आपात इस्तेमाल के लिए बाजार में उतर चुकी है। मैसेंजर राइबोज न्यूक्लिक एसिड (एमआरएनए) MRNA Vaccine GEMCOVAC स्पाइक प्रोटीन के जरिये कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाती है। पुणे स्थित जेनोवा बायो फार्मास्युटिकल कंपनी (Gennova Biopharmaceuticals) ने यह वैक्सीन तैयार की गयी है। कंपनी ने 23 लाख डोज तैयार कर दी हैं, जिन्हें सेंटल ड्रग्स लैबोरेटरी (Central Drugs Laboratory) कसौली ने मंज़ूरी दे दी है।
इसके बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General Of India) ने भी कंपनी की ओर से दिए गए क्लीनिकल ट्रायल के डाटा पर विस्तार चर्चा के बाद एमआरएनए वैक्सीन (mRNA vaccine) को आपात इसतेमाल की मंजूरी दे दी है। GEMCOVAC भारत में विकसित की गयी एमआरएनए वैक्सीन (mRNA vaccine) है और दुनिया में कोविड के लिए स्वीकृत होने वाली एकमात्र तीसरी एमआरएनए वैक्सीन (mRNA vaccine) है।
किसको लगेगा mRNA का टीका
एमआरएनए वैक्सीन (mRNA vaccine) 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को लगाई जाएगी। खास बात यह है कि वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रहती है। इसकी एक वायल में पांच डोज है, जो इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन (Intramuscular Injection) के जरिये शरीर में लगाई जाएंगी। पहली डोज के 28 दिन के गैप के बाद दूसरी डोज लगेगी। इससे शरीर में कोरोना से लड़ने की क्षमता पैदा होगी। दावा किया जा रहा है कि यह वैक्सीन खतरनाक कोरोना से भी लोगों को बचाने में सक्षम है। इससे भारत में कोरोना के मामलों में कमी आएगी। सीडीएल कसौली की वेबसाइट पर डोज जारी होने की पुष्टि हुई है।
दूसरी वैक्सीन की तुलना में ज्यादा लाभदायक
एमआरएनए (mRNA) कोरोना की अन्य वैक्सीन की तुलना में अलग लाभ प्रदान करती है, क्योंकि एमआरएनए (mRNA) टीके एक सक्रिय रोगजनक से निर्मित नहीं होते हैं। ये गैर संक्रामक होते हैं। एमआरएनए (mRNA) टीके का एक अन्य लाभ यह है कि यह एंटीजन सेल के अंदर उत्पन्न होते हैं, जिससे इम्युनिटी अधिक हो जाती है।
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