राजधानी-शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में सस्ती होगी चाय-कॉफी, सर्विस चार्ज को कम करेगा रेलवे

राजधानी-शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में सस्ती होगी चाय-कॉफी, सर्विस चार्ज को कम करेगा रेलवे

यदि पैसेंजर्स बीच यात्रा में नाश्ता, खाना आर्डर करेंगे तो उन्हें 50 रुपये सर्विस चार्ज देना होगा, जो भोजन या नाश्ते की कीमत से अलग होगा।

रेलवे बोर्ड को राजधानी-शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन (Rajdhani and Shatabdi Express trains) के AC-2 और 3 डिब्बों में 20 रुपये की चाय पर 50 रुपये सर्विस चार्ज लगाने के बाद सोशल मीडिया पर काफी नाराज़गी का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब रेलवे इस संबंध में सुधार करने पर विचार कर रहा है और अगले सप्ताह तक आदेश जारी किए जा सकते हैं।

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजधानी-शताब्दी, दुरंतो, गतिमान, वंदे भारत एक्सप्रेस आदि जैसी प्रीमियम ट्रेनों में टिकट बुक करते समय खानपान की सुविधा लेने का ऑप्शन मौजूद है। लेकिन यदि पैसेंजर्स बीच यात्रा में नाश्ता, खाना आर्डर करेंगे तो उन्हें 50 रुपये का अतिरिक्त सेवा शुल्क देना होगा, जो भोजन या नाश्ते की कीमत से अलग होगा।

रेलवे बोर्ड ने 2017 में जारी किया था आदेश

इन प्रीमियम ट्रेनों में टिकट बुक करते समय खाना बुक करने वाले रेल यात्रियों से कोई अतिरिक्त सर्विस चार्ज नहीं लिया जाता है। रेलवे ऐसे यात्रियों से बुकिंग के समय कैटरिंग चार्ज लेता है। गौरतलब है कि जून 2017 में रेलवे बोर्ड ने एक आदेश जारी कर कहा था कि जो यात्री टिकट बुक करते समय केटरिंग सुविधा नहीं लेते हैं और यात्रा के दौरान आर्डर करते हैं तो उनसे 50 रुपये का अतिरिक्त सेवा शुल्क लिया जाएगा, भले ही केवल चाय या कॉफी ही क्यों न हो। इस संबंध में 2018 में IRCTC ने फिर से 50 रुपये के सर्विस चार्ज पर रेलवे बोर्ड से राय मांगी थी। बोर्ड ने सर्विस चार्ज को अपरिवर्तित रखने के आदेश जारी किए थे।

सोशल मीडिया पर वायरल हो गया मामला

हाल ही में 50 रुपये सर्विस चार्ज वसूलने का मामला सोशल मीडिया पर उस समय वायरल हो गया जब एक यात्री ने बिल की तस्वीर शेयर की। यात्री ने एक कप चाय के लिए ₹70 का भुगतान किया था। तस्वीर में दिख रहा था कि यात्री ने 20 रुपये की चाय के लिए 50 रुपये सर्विस चार्ज दिया। यह घटना उस वक्त हुई जब यात्री 28 जून को शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से भोपाल जा रहा था।

सर्विस चार्ज लेने के पीछे क्या है रेलवे का लॉजिक

रेलवे बोर्ड का तर्क है कि एडवांस टिकट बुकिंग में कैटरिंग ओनर को पता होता है कि यात्रा के दौरान कितने यात्रियों को चाय, नाश्ता, लंच और डिनर देना है। लेकिन सफर के बीच में खानपान की व्यवस्था करने के लिए रेलवे को अगले स्टेशनों पर होटल-रेस्टोरेंट आदि से खाना मांगना पड़ता है। इसके अलावा हर ट्रेन में एडवांस बुकिंग के अलावा खाने की बिक्री नहीं होने पर ओनर को नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए यात्रा के दौरान भोजन, चाय और कॉफी पर अतिरिक्त 50 रुपये सेवा शुल्क का प्रावधान किया गया है।

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