राजस्थान में सरकारी नौकरियों के बदले नियम, अब देना होगा सिर्फ एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET)

राजस्थान में सरकारी नौकरियों के बदले नियम, अब देना होगा सिर्फ एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET)

स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) के निर्देशों के अनुसार राज्य द्वारा कॉमन एलिजिबिलिटी परीक्षा आयोजित की जाएगी

राजस्थान सरकार ने सभी सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को इंटीग्रेट करने के लिए एक कॉमन एलिजिबिल्टी टेस्ट (CET) की घोषणा की है। इसका मतलब है कि अब ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी (ग्राम अकाउंटेंट) और मंत्रिस्तरीय कर्मचारी जैसे विभिन्न पदों के लिए कोई अलग अलग परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। अब इच्छुक उम्मीदवारों को यूनिवर्सल कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के लिए उपस्थित होना होगा। रिपोर्ट के अनुसार, स्टाफ़ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) के निर्देशों के अनुसार राज्य द्वारा CET का आयोजन किया जाएगा। राज्य ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा को छोड़कर बाकी परीक्षाओं में इंटरव्यू की प्रक्रिया को भी पूरी तरह से खत्म करने का फैसला लिया है।

CET में इन पदों की नौकरियों को किया गया है शामिल

इसके तहत स्नातक स्तर की इन परीक्षाओं में जिलादार, जूनियर अकाउंटेंट, टीआरए, कर सहायक, पर्यवेक्षक, समन्वयक पर्यवेक्षण, डिप्टी जेलर, सहायक जेलर, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी और छात्रावास अधीक्षक ग्रेड-II शामिल हैं. जबकि टेन प्लस टू के लिए प्रयोगशाला प्रभारी, फोरेस्टर, छात्रावास अधीक्षक, क्लर्क ग्रेड I, जूनियर सहायक क्लर्क ग्रेड II, एलडीसी और जमादार ग्रेड II के पदों को शामिल किया गया हैं।

राजस्थान कैबिनेट द्वारा अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ:

मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान कथित तौर पर इस फैसले को अंतिम रूप दिया गया। समीक्षा बैठक में मंत्रिपरिषद से खेल, उद्योग और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सरकारी भूमि के आवंटन के संबंध में दृढ़ निर्णय लेने का आग्रह किया गया।

यहीं पर कैबिनेट ने सबकी सहमति से सोलर परियोजनाओं को विकसित करने के लिए कंपनियों जमीन अलॉट करने का फैसला किया। इस ग्रांट के तहत जैसलमेर में शुरू में 6,000 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर 2000 एमवी का सोलर पार्क बनाया जाएगा।

इस परियोजना का संचालन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड और अडानी समूह की संयुक्त उद्यम कंपनी अडानी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।

इसी बीच कैबिनेट ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में पैरालंपिक पदक विजेताओं को 25 बीघा जमीन मुफ्त में देने का भी फैसला किया है। विशेष रूप से, राज्य के बजट में खेल खिलाड़ियों को भूमि अनुदान के प्रावधान की घोषणा की गई थी और इससे अधिक प्रतिभाओं को औपचारिक खेल प्रशिक्षण लेने और यहां खेलो इंडिया आंदोलन को गति देने की उम्मीद है।

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