लखनऊ में जन्में प्रसिद्द कवि 'रघुवीर सहाय' ने खबरों को दमदार और प्रासंगिक कविताओं में पिरोया

लखनऊ में जन्में प्रसिद्द कवि 'रघुवीर सहाय' ने खबरों को दमदार और प्रासंगिक कविताओं में पिरोया

रघुवीर सहाय अपनी कविताओं के विषय समाज में मुनष्य की बदलती जीव-स्थितियों में तलाशते थे।

कविताएं हम सब की जीवन में एक ख़ास अहमियत रखतीं हैं क्यूंकि वह एक कवि द्वारा लिखी गयीं वो रचनायें हैं जिसकी मदद से वह अपने दृष्टिकोड को रचनात्मक ढंग से आम जनता तक पंहुचा पाता है और एक अहम् मुद्दे पर एक अलग पहलू से अवगत कराता है। ऐसे ही एक कवि थे रघुवीर सहाय, जिन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से 'आत्महत्या' जैसे एक अहम् मुद्दे पर खुल कर अपनी बात कही और हिंदी लेखन के क्षेत्र में अनेकों काम किये।

अगर आप रघुवीर सहाय की कविताओं पर नज़र डालें तो आप पाएंगे की उनकी लिखाई में 'हिंदी लेखन' के साथ-साथ पत्रकारिता की झलक भी है और ऐसा इसलिए है क्यूंकि वह एक तेजस्वी कवि होने के साथ-साथ एक पत्रकार भी थे और बात सिर्फ यहीं तक ही सीमित नहीं रहती बल्कि वह निबंध लेखक और आलोचक भी थे। रघुवीर सहाय ने अपनी काव्य-शैली में सरल, सहज और सधी हुई भाषा का प्रयोग किया है।

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