जानिये लखनऊ के नवाबी 'बादशाह बाग' की कहानी जहां पर लखनऊ विश्वविद्यालय की नींव रखी गई

जानिये लखनऊ के नवाबी 'बादशाह बाग' की कहानी जहां पर लखनऊ विश्वविद्यालय की नींव रखी गई

यहां तीन महल और एक हमाम हुआ करता था जिसकी नींव नवाब ग़ाज़ीउद्दीन हैदर (Ghazi‑ud‑Din Haidar Shah) ने अपनी बेगम बादशाह बेग़म के नाम पर रखी थी।

1920 में स्थापित लखनऊ विश्वविद्यालय ने वर्ष 2020 में अपने शानदार 100 वर्ष पूरे किये। लखनऊ विश्वविद्यालय देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में से एक होने के साथ समकालीन लखनऊ शहर की ऐतिहासिक एवं अमूल्य धरोहर है। लेकिन क्या आप जानते हैं की जहां आज लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित है, वहां कभी ‘बादशाह बाग’ नाम का बड़ा बाग हुआ करता था।

लखनऊ विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर आज बादशाह बाग या किंग्स गार्डन के एक छोटे से हिस्से में स्थित है। यहां तीन महल और एक हमाम हुआ करता था जिसकी नींव नवाब ग़ाज़ीउद्दीन हैदर (Ghazi‑ud‑Din Haidar Shah) ने अपनी बेगम बादशाह बेग़म के नाम पर रखी थी। बाद में अवध के दुसरे राजा नसीरुद्दीन हैदर (Nasir‑ud‑Din Haidar Shah) ने इसका निर्माण कार्य पूरा किया और इसे अपनी रानियों के लिए एक पिकनिक स्थल के रूप में बनवाया जो छतर मंजिल पैलेस में नदी के दूसरी तरफ रहती थीं। आज विश्वविद्यालय में लाल बिरादरी इमारत नवाबों के समृद्ध इतिहास की कहानी बयां करती है।

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