महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय- कोहिनूर हीरा 
India-Hindi

Queen Elizabeth II Death - सोशल मीडिया पर उठी कोहिनूर को वापस करने की मांग, जाने हीरे का गहरा इतिहास

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) के निधन के बाद से सोशल मीडिया पर कोहिनूर हीरा भारत को वापस देने की बात कही जा रही है।

Pawan Kaushal

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का 8 सितंबर 2022 को 96 वर्ष की आयु में स्कॉटलैंड के बालमोरल में निधन हो गया। एलिज़ाबेथ द्वितीय 1952 में ब्रिटेन की राजगद्दी पर बैठीं थी। महारानी के निधन के बाद भारतीयों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा का विषय जो बना वो है बेशकीमती 'कोहिनूर हीरा'

बेशकीमती कोहिनूर हीरा

कोहिनूर हीरा

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) के निधन के बाद से सोशल मीडिया पर कोहिनूर हीरा भारत को वापस देने की बात कही जा रही है।

जब 12वीं -14वीं शताब्दी के काकतीय राजवंश (Kakatiyan dynasty) के दौरान आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में स्थित गोलकुंडा के खदान से कोहिनूर हीरा प्राप्त हुआ था, तब माना जाता था कि यह 793 कैरेट काटा हुआ था। आज के समय में यह 105.6 कैरेट का रह गया है, जिसका वजन 21.6 ग्राम है। इस बेशकीमती हीरे को कभी भी बेचा या खरीदा नहीं गया है। बल्कि इसे एक से दूसरे राजा ने जीता है या फिर इसे तोहफे के तौर पर दिया गया। यह हीरा 16वीं शताब्दी में सबसे पहले मुगलों के हाथ आया था, उसके बाद फिर फारसियों (Persians) ने इसे जब्त कर लिया, और फिर अफगानों ने।

कोहिनूर को आज तक कभी भी खरीदा या बेचा नहीं गया

कोहिनूर हीरा

सिख महाराजा रणजीत सिंह, इसे अफगान नेता शाह शुजा दुर्रानी से ले कर भारत वापस लाए। यह तब अंग्रेजों द्वारा पंजाब के कब्जे के दौरान अधिग्रहण कर लिया गया था। 1840 के दशक के अंत में ईस्ट इंडिया कंपनी ने 10 वर्षीय महाराजा दुंजीप सिंह को अपनी जमीन और संपत्ति आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने के बाद इस हीरे पर कब्जा कर लिया था।

इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने महारानी विक्टोरिया (Queen Victoria) को कोहिनूर हीरा भेंट किया। प्रिंस अल्बर्ट (Prince Alber), उनकी पत्नी, ने इसे फिर से बनाने के लिए कहा और इसे 1937 में क्वीन मदर के ताज में रखे जाने से पहले क्वीन एलेक्जेंड्रा (Queen Alexandra) और क्वीन मैरी (Queen Mary) के मुकुट में स्थापित किया गया था। 1953 में अपनी बेटी के राज्याभिषेक के समय क्वीन मदर ने ताज का हिस्सा पहना था। 105.6 कैरेट का यह कोहिनूर तब से ब्रिटिश ताज का सबसे बेशकीमती हिस्सा है।

कोहिनूर अंग्रेज़ों से पहले कई शासकों के पास रहा

कोहिनूर हीरा

इतिहासकारों के मुताबिक कोहिनूर हीरे पर वैसे तो सबसे बड़ा मालिकाना हक़ भारत का ही है, लेकिन इसपर भी कई मत है। भारत समेत अन्य देश जिनमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान भी इसपर अपना दावा करते रहे हैं। कोहिनूर हीरा विभिन्न शासकों के कब्जे में था, यह काकतीयों, अलाउद्दीन खिलजी, बाबर, शाहजहाँ, नादिर शाह, अहमद शाह दुर्रानी (अफगान साम्राज्य के संस्थापक), महाराजा रणजीत सिंह के कब्जे में आया और अंत में, यह अंग्रेजों के हाथों में चला गया।

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II)

भारत सरकार ने 1947 में आज़ादी मिलने के बाद ही ब्रिटिश सरकार से कोहिनूर हीरा वापस करने की मांग की थी और कहा था कि यह बेशकीमती हीरा भारत की अमूल्य संपत्ति है। ब्रिटिश सरकार ने भारत के इस दावे को ठुकरा दिया था। इसके बाद, भारत ने दोबारा कोहिनूर को वापस करने की मांग 1953 में की थी, जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राज्याभिषेक किया गया था।

ब्रिटिश सरकार ने हर बार भारत के दावे को यह कहकर खारिज कर दिया कि कोहिनूर पर स्वामित्व गैर-परक्राम्य (ownership non-negotiable) था।

ब्रिटेन ने भारत से लगभग $45 ट्रिलियन डॉलर की दौलत लूटी

अंग्रेज़ों ने भारत पर 200 साल तक राज किया और इस दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारत का खज़ाना लगभग खाली कर दिया था। कोलंबिया यूनिवर्सिटी प्रेस ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक की रिसर्च को प्रकाशित किया, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि, ब्रिटेन ने 1765 से 1938 की अवधि के दौरान भारत से कुल लगभग $45 ट्रिलियन डॉलर की दौलत लूटी। जो आज यूनाइटेड किंगडम की जीडीपी से 17 गुना अधिक है।

यह सब ट्रेड सिस्टम के माध्यम से हुआ। औपनिवेशिक काल (colonial period) से पहले, ब्रिटेन ने भारतीय उत्पादकों से कपड़ा और चावल जैसे सामान खरीदे और उनके लिए सामान्य तरीके से भुगतान किया - ज्यादातर चांदी के साथ - जैसा कि उन्होंने किसी अन्य देश के साथ किया। लेकिन 1765 में ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) के उपमहाद्वीप पर नियंत्रण करने और भारतीय व्यापार पर एकाधिकार (monopoly) स्थापित करने के तुरंत बाद ही भारत में सब कुछ बदल गया। इसके बाद ही अंग्रेज़ों ने भारत को लूटना शुरू कर दिया।

To get all the latest content, download our mobile application. Available for both iOS & Android devices. 

Ganeshotsav 2025: Mumbai Police lists traffic restrictions, diversions

Bandra Fair 2025: Dates, new exhibition & cultural highlights

Ganesh Chaturthi 2025: Mumbai's GSB Seva Mandal secures record ₹474.46 cr insurance

After tiger terror, now leopard alarms Balrampur villages near Lucknow

Lucknow acts on SC order! Dog licensing mandatory, new leash rules

SCROLL FOR NEXT