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कानपुर मेट्रो को आईआईटी से मोतीझील तक पर्यावरण संरक्षण के लिए मिला प्रथम पुरस्कार

यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि पूर्व में भी मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक सेक्शन को पर्यावरण प्रबंधन के लिए आईएसओ-14001 प्रमाणपत्र मिल चुका है।

Surabhi Tiwari

एक नई उपलब्धि अपने नाम करते हुए, कानपुर मेट्रो को पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीनटेक फाउंडेशन से प्रथम पुरस्कार मिला है। दिल्ली स्थित इस संगठन ने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) द्वारा प्रायोरिटी कॉरिडोर परियोजना में किए गए प्रयासों की सराहना करने के लिए कानपुर मेट्रो को सम्मानित किया।

पर्यावरण संरक्षण हमारी प्राथमिकता: प्रबंध निदेशक, यूपीएमआरसी

ग्रीनटेक फाउंडेशन एक ऐसा संगठन है, जो पर्यावरण संरक्षण, संरक्षा और कॉर्पाेरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) समेत अन्य कई क्षेत्रों में नवाचार के साथ काम करने वाले उपक्रमों का चयन करती है और उन्हें पुरस्कृत करती है। इसी संस्था ने पिछले साल कानपुर मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर को इफेक्टिव सेफ्टी कल्चर अवार्ड से सम्मानित किया था।

इस उपलब्धि पर कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत कार्यरत यूपीएमआरसी की टीम को बधाई देते हुए, प्रबंध निदेशक श्री कुमार केशव ने कहा, “पर्यावरण संरक्षण हमेसा से ही हमारी प्राथमिकता रहा है। हमने जहां तक संभव हुआ, पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया, कानपुर मेट्रो की अवसंरचना में वर्षा जल संरक्षण की उपयुक्त व्यवस्था की, प्रयॉरिटी कॉरिडोर पर ग्रीनबेल्ट विकसित की, डिपो में पानी को रीसाइकल करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट्स लगाए आदि। पर्यावरण संरक्षण के प्रति यूपीएमआरसी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। पूर्व में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक सेक्शन को पर्यावरण प्रबंधन के लिए आईएसओ 14001 प्रमाणपत्र भी प्राप्त हो चुका है।”

एक प्रमाणित ग्रीन मेट्रो रेल सिस्टम

अपने मिशन पर खरे उतरते हुए, यूपीएमआरसी ने कानपुर में प्रायोरिटी कॉरिडोर के साथ 10,000 से अधिक पौधे लगाए हैं और 100 से अधिक पेड़ों का ट्रांसलोकेट भी किया है। इसके अलावा, UPMRC स्टेशन को एनर्जी एफिशिएंट बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। जिसके लिए मेट्रो परिसरों में 100 एलईडी लाइटिंग लगाई गई है। गुरुदेव चौराहे के निकट स्थित मेट्रो डिपो को ज़ीरो डिस्चार्ज फ़ैसिलिटी के रूप में विकसित किया गया, जहाँ पर पानी को रीसाइकल करने के लिए 2 ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं। कानपुर मेट्रो परियोजना के प्राथमिक सेक्शन के वायडक्ट और स्टेशनों की छत पर वर्षा जल संरक्षण की व्यवस्था की गई है।

विशेष रूप से, यह पहली बार नहीं है जब कानपुर मेट्रो ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सुर्खियों में रहा है। आईआईटी कानपुर से मोतीझील तक कानपुर मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर को दिसंबर 2021 में इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा ‘ग्रीन मेट्रो रेल सिस्टम’ होने का प्रमाण पत्र मिला था। इतना ही नहीं, प्राथमिक सेक्शन के सभी 9 मेट्रो स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) द्वारा प्लैटिनम रेटिंग भी मिल चुकी है।

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