बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) 
Uttar-Pradesh-Hindi

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे - अब मात्र 6 घंटे में पूरा होगा चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर, जानें खासियत

खास बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे को 36 महीने के बजाए 24 महीने में बनाकर UPEIDA ने एक कीर्तिमान बनाया है।

Aastha Singh

उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा नेटवर्क बनाने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से तत्पर है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) के बाद अब यूपी सरकार ने 296 किलोमीटर लम्बे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) को आम जनता के लिए खोल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जुलाई को 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर दिया। ये एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड के 7 जिलों से गुजरेगा। चित्रकूट से शुरू होकर इटावा जाने वाला यह एक्सप्रेसवे इटावा के कुदरैल गांव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर 6 घंटे में पूरा हो सकेगा।

296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे

296 किलोमीटर लंबे 4-लेन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है, और बाद में इसे 6 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। UPEIDA के कार्यपालक अधिकारी और राज्य के अपर गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने हाल ही में दावा किया है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) का निर्माण 99 फीसदी पूरा हो चुका है।

बाकी काम 4 जुलाई तक पूरा करने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दे दिये गये थे। खास बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे को 36 महीने के बजाए 24 महीने में बनाकर UPEIDA ने एक कीर्तिमान बनाया है। यह एक्‍सप्रेसवे बुंदेलखंड को द‍िल्‍ली सह‍ित कई प्रमुख शहरों से जोड़ देगा।

एक्सप्रेसवे कहाँ से कहाँ फैला हुआ है

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway)

यह चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में NH-35 से इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra - Lucknow Expressway) के साथ मिल जाता है। यह 7 जिलों से होकर गुजरता है। चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा। इससे दिल्ली और एनसीआर से बुंदेलखंड के इलाकों में जाने वाले लोगों को सीधा रूट मिल जाएगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जाने में मदद मिल जाएगी।

दिल्ली और चित्रकूट के बीच यात्रा के समय में कटौती

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway)

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) से दिल्ली और चित्रकूट के बीच यात्रा के समय को पहले के 9-10 घंटों से कम करके केवल 6 घंटे करने की उम्मीद है। यह आगामी उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर परियोजना की सफलता के लिए भी महत्वपूर्ण है।

एक्सप्रेसवे कई नदियों को पार करता है

296 किलोमीटर लम्बे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway)

एक्सप्रेसवे सड़क की लंबाई कई नदियों को क्रॉस करते हुए गुज़रती है जैसे बागान, केन, श्यामा, चंदावल, बिरमा, यमुना, बेतवा और सेंगर।

आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway)

क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। एक्सप्रेस-वे के बगल में बांदा और जालौन जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम शुरू हो चुका है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर बनाये गए हैं 6 टोल प्लाज़ा

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 6 टोल प्लाजा बनाए गए हैं। 8 स्थानों रैंप टोल प्लाजा निर्माणधीन है। UPEIDA के अधिशासी अभियंता चंद्र भूषण के अनुसार 6 महीने तक एक्सप्रेसवे पर सफर करने में टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा। दिसंबर तक टोल प्लाजा के शुरू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही यहां पर 19 फ्लाईओवर, 224 अंडरपास, 14 मुख्य ब्रिज और 286 छोटे ब्रिज और 4 रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है।

एक्सप्रेसवे पर चलने वाले मुसाफिरों की सुरक्षा के लिए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किया गया है। साथ ही ओवरस्पीडिंग को पकड़ने के लिए जगह जगह स्पीडोमीटर और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

पर्यावरण का रखा जाएगा ध्यान

296 किलोमीटर लम्बे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway)

एक्सप्रेसवे पर बारिश के पानी के संचायन के लिए हर 500 मीटर की दूरी पर पिट बनाए जा रहे हैं। हरयाली के लिए 7 लाख पौधे रोपे जाएंगे और आसपास के गांवो स्वंय सहायता समूहों की मदद से औषधीय पौधे लगाए जाएंगे जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। इसके अलावा एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 5 किलोमीटर की दूरी में आने वाले स्कूलों में 2-2 स्मार्ट क्लास भी बनाई गई हैं ताकि आसपास के बच्चे पढ़ाई कर सके।

उत्तर प्रदेश बना 13 एक्सप्रेस-वे वाला देश का पहला राज्य

आपको बता दें कि अब उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां 13 एक्सप्रेसवे हैं। इन 13 एक्सप्रेसवे की कुल लम्बाई 3200 किलोमीटर के आसपास है। कुल 13 एक्सप्रेसवे में से 7 एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है। जबकि 6 एक्सप्रेसवे संचालित हैं। जिनमें, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 341 किलोमीटर लम्बा, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे 302 किलोमीटर लम्बा, यमुना एक्सप्रेसवे 165 किलोमीटर लम्बा, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे 96 किलोमीटर लम्बा और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे 25 किलोमीटर लम्बा है।

इसके साथ ही वर्तमान में निर्माणधीन एक्सप्रेसवे में, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे 63 किलोमीटर लम्बा, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 91 किलोमीटर लम्बा, गाजीपुर-बलिया-माँझीघाट एक्सप्रेसवे 210 किलोमीटर लम्बा, गाजियाबाद०-कानपुर एक्सप्रेसवे 380 किलोमीटर लम्बा, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे 519 किलोमीटर लम्बा और गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लम्बा है।

To get all the latest content, download our mobile application. Available for both iOS & Android devices. 

No permits, no ride! Uber Shuttle to exit Mumbai roads from July 12

Mumbai’s new Sindoor Flyover to open on July 10, replacing 150-year-old Carnac Bridge

Mumbai's CSMIA tops global list of densely surrounded airports, Ahmedabad at #12

35L daily commuters but only 1,810 trains! CR urges 800 Mumbai offices to tweak work hours

Lucknow’s Ekana Stadium set to host all 34 UPT20 league matches | Details

SCROLL FOR NEXT