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यूपी पुलिस के लिए अब एनसीआरबी का डिजिटल ट्रेनिंग मॉड्यूल हुआ अनिवार्य

एनसीआरबी का डिजिटल ट्रेनिंग मॉड्यूल नए काउंटर रिस्पांस को तैयार करने में काम आएगा।

Aastha Singh

जैसे जैसे भारत डिजिटल इंडिया बनने के सपने को साकार करने की ओर बढ़ रहा है, उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी इस नयी दुनिया से कदम से कदम मिलाने के लिए अपने कर्मियों को प्रशिक्षित और अपग्रेड करने का निर्णय लिया है।

यूपी डीजीपी द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, अब सभी राज्य पुलिस के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय साइबर क्राइम ट्रेनिंग केंद्र (साइट्रेन) के ऑनलाइन कोर्स को पास करना अनिवार्य है। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से साइबर क्राइम के मामलों में जांच का लेवल और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी।

आधुनिकता और सोशल मीडिया व उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं को समझेगी यूपी पुलिस

सूचना के इस युग में अप टू डेट (Up-to-date) रहने के लिए, यूपी पुलिस ने अपने सभी अधिकारियों को तकनीकी रूप से कुशल बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। साइबर अपराध से निपटने में टेक्नोलॉजी के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराने के लिए सरकार ने पुलिस कर्मियों के लिए एक अनिवार्य एनसीआरबी ट्रेनिंग तैयार की है। इस कदम का उद्देश्य जांच तकनीकों को बढ़ाना, केस बैक-लॉग्स को कम करना और कर्मियों को टेक्नोलॉजी के ऑनग्राउंड एप्लीकेशन के साथ अवगत करवाना है।

डीजीपी ने कथित तौर पर कहा, "सभी जिला पुलिस प्रमुखों और साइबर अपराध सेल के प्रमुखों को एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, जिसमें मॉड्यूल को उन कर्मियों का विवरण है जिन्होंने कोर्स पूरा कर लिया है। कोर्स को मंजूरी देने के बाद एक प्रमाण पत्र भी तैयार किया जाएगा।"

साइबर ट्रेनिंग है समय की मांग

यूपी साइबर सेल के पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने कहा कि राज्य में साइबर अपराधों की संख्या और तकनीकी पेचीदगियां बढ़ रही है। इसलिए, एक मजबूत जांच सेल के लिए कर्मियों को अपडेट और अपग्रेड करना समय की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, "साइबर अपराधों से निपटने के लिए ज्ञान और कौशल में निरंतर उन्नति के अलावा, नए काउंटर-प्रतिक्रियाओं को तैयार करने में प्रशिक्षण मॉड्यूल मुख्य और अनिवार्य है।"

एनसीआरबी प्रशिक्षण क्यों अनिवार्य है?

Knocksense से बात करते हुए एडिशनल एसपी, सोशल मीडिया सेल उत्तर प्रदेश, राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि स्टेट वाइज साइबर अपराध प्रशिक्षण मॉड्यूल मौजूद हैं, लेकिन सेंट्रलाइज़ेशन की कमी है।

वह आगे कहते हैं, "पुलिस अधिकारियों में कांस्टेबुलरी से लेकर अधीक्षक तक एक पदानुक्रम (hierarchy) होती है और साइबर अपराध की जांच के लिए उन सभी को एक ही पेज पर होना चाहिए। इसे संबोधित करने के लिए, एनसीआरबी को तस्वीर में लाया गया है। एनसीआरबी को सभी यूपी पुलिस कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम को मानकीकृत करने का काम सौंपा जाए।"

अब तक लगभग 6,000 यूपी पुलिस अधिकारियों ने इस वर्चुअल ट्रेनिंग क्लियर कर ली है। हाल ही में, उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने एक लक्षित कार्य योजना भी तैयार की थी जिसमें साइबर हेल्पडेस्क की स्थापना, लखनऊ में एक डिजिटल फोरेंसिक लैब और पूरे राज्य में ज़ोन स्तर पर एक साइबर फोरेंसिक लैब शामिल है।

डीजीपी कार्यालय में साइबर सेल मुख्यालय स्थापित करने की योजना भी पाइपलाइन में है। यह भविष्य में साइबर अपराध के खतरों को और अधिक कुशल तरीके से कम करने में मदद करेगा।

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