Uttar-Pradesh-Hindi

UP में खांसी, डिप्रेशन और इनसोमनिया जैसी बिमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की बिक्री सीमा तय

FSDA के अधिकारियों के मुताबिक दवा विक्रेता नशे के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं का ज्यादा भंडारण करने के साथ अवैध बिक्री भी कर रहे हैं !

Pawan Kaushal

लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में नशीली दवाओं की अनियमित बिक्री पर रोक लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (Food Safety and Drug Administration) ने ऐसी दवाओं के भंडारण, खरीद और बिक्री की अधिकतम सीमा तय कर दी है। अब अगर कोई भी व्यक्ति खांसी दूर करने के लिए कोडीन (codeine) से बने सिरप खरीदने जाता है तो उसे एक दिन में केवल एक ही सिरप की शीशी दी जाएगी।

ऐसे ही नींद की दवा, डिप्रेशन की दवा समेत तमाम अन्य नशे के रूप में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के भंडारण की क्षमता भी तय कर दी गई है। FSDA ने निर्देश जारी करते हुए साफ चेतवानी दी है कि अगर कोई भी इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

दवाओं की हो रही अवैध बिक्री, लोग हो रहे नशे के आदि

FSDA के अधिकारियों के मुताबिक दवा विक्रेता नशे के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं का ज्यादा भंडारण करने के साथ अवैध बिक्री भी कर रहे हैं। अवैध बिक्री के कारण लोगों तक ऐसी दवाएं आसानी से पहुंच रही हैं और लोग नशे के आदि होते जा रहे हैं। जबकि ऐसी दवाओं की खपत मरीजों के लिए काफी कम है।

कोडीन खांसी से राहत देने वाली दवाओं में पाया जाने वाला घटक है और इसे हल्के नारकोटिक के तौर पर भी जाना जाता है। कोडीन को अकेले या अन्य दवाओं के साथ मिलाकर भी दिया जाता है। जब यह शरीर में पहुँचता है तो लिवर एक एंजाइम की मदद से इसे मॉर्फिन में बदल देता है और इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही इसे तय मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है।

अब नए निर्देशों के तहत कोई भी थोक दवा विक्रेता 50, 100 ML या किसी अन्य मात्रा की एक दिन में 100 से अधिक शीशी सिरप नहीं बेच सकेंगे। वहीं, फूटकर विक्रेता एक व्यक्ति को एक से अधिक शीशी नहीं बेच सकेंगे।

रजिस्टर्ड डॉक्टर के प्रस्क्रिप्शन पर ही मिलेंगी ये दवाएं

आपको बता दें कि FSDA ने अपने निर्देश में बताया है कि कौनसी दवा किसको और कितनी मात्रा में बेचीं जा सकेगी।

  • फूटकर दवा विक्रेता बुखार और दर्द की दवाओं में इस्तेमाल की जाने वाली ट्रेमेडोल (Tramadol) के 2000 कैप्सूल ही रख सकेगा। डॉक्टर के प्रस्क्रिप्शन पर ही यह दवा बेचने की अनुमति होगी। वहीं, थोक विक्रेता प्रतिदिन 200 कैप्सूल ही किसी फर्म को बेच सकेगा।

  • डिप्रेशन, नींद की दवा और मानसिक रोगों से ग्रस्त मरीजों को दी जाने वाली अल्प्राजोलम (Alprazolam) व क्लोनापेजाम के 20-20 कैप्सूल व डायजापाम (Diazepam), नाइट्राजेपाम (Nitrazepam), पेंटाज़ोसिन (Pentazocine) व बूप्रेनोरफिन (Buprenorphine) के प्रयोग से बनी दवाओं के 10-10 कैप्सूल ही प्रतिदिन बेचे जा सकेंगे।

  • फूटकर विक्रेता अल्प्राजोलम (Alprazolam) के 1000, क्लोनापेजाम के 2000, डायजापाम (Diazepam) व नाइट्राजेपाम (Nitrazepam) के दो-दो सौ और पेंटाज़ोसिन (Pentazocine) व बूप्रेनोरफिन (Buprenorphine) के 50-50 कैप्सूल के ही भंडारण की अनुमति होगी।

आपको बताते चले कि उक्त आदेश सरकारी संस्थानों, कैंसर अस्पताल व मानसिक अस्पताल पर लागू नहीं होंगे। यदि कोई दवा विक्रेता तय मात्रा से ज्यादा भंडारण व बिलिंग करना चाहता है तो उसे बीते 2 वर्ष का खरीद, बिक्री का पूरा रिकॉर्ड औचित्य बताने के साथ देना होगा।

To get all the latest content, download our mobile application. Available for both iOS & Android devices. 

Lucknow property prices skyrocket! Gomti Nagar hits record ₹70,000/sq m; see full list

Mumbai Metro 3 to feature retail outlets, lounges & more at THESE stations| Details

Indian Railways' new fares, tatkal booking rules & more: What passengers need to know

Watch | Lucknow’s viral flyover that ends in a building; netizens call it "8th wonder"

Lucknow's FIRST bio-diversity park to come up in Gomti Nagar | Details

SCROLL FOR NEXT