मैरिटल रेप 
India-Hindi

पत्नी से उसकी मर्जी के खिलाफ यौन संबंध बनाना MTP एक्ट के तहत मैरिटल रेप में आएगा - सुप्रीम कोर्ट

परिवार के भीतर ही यौन उत्पीड़न सालों से चला आ रहा है, जिसे महिलाएं बरसों से झेलती आ रही है और हिंसा का शिकार हुई है - जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़

Pawan Kaushal

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि अगर कोई महिला अपने पति के जबरन यौन संबंध के कारण गर्भधारण करती है तो उस स्थिति में महिला अपना गर्भपात करवा सकती है। इसके लिए MTP एक्ट के तहत रेप के कारण गर्भवती हुई महिला को भी गर्भपात की इजाजत दी गई है। इसके साथ ही अगर कोई पति अपनी पत्नी के साथ जबरन यौन संबंध बनाता है तो वह भी अब यौन हमले के दायरे में मैरिटल रेप (Marital Rape) भी आएगा। अदालत ने कहा कि अगर पति अपनी पत्नी के मर्जी के खिलाफ जबरन यौन संबंध बनाता है तो वह मैरिटल रेप है।

IPC में मैरिटल रेप अपवाद, लेकिन MTP एक्ट में नहीं

मैरिटल रेप

IPC में मैरिटल रेप (Marital Rape) अपवाद में रखा गया है, लेकिन MTP में रेप की जो परिभाषा है, उसमें मैरिटल रेप भी शामिल है। इसमें IPC की धरा 375 (2), जिसमें मैरिटल रेप अपवाद है, वह खत्म नहीं होता है। आपको बता दें कि, मैरिटल रेप अपवाद को चुनौती वाली याचिका पहले से सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है और उसकी अलग संवैधानिक व्याख्या होनी है। कोर्ट ने कहा कि शादीशुदा महिला के जीवन में पारिवारिक हिंसा समाज की एक कड़वी सच्चाई है और इसको अनदेखा नहीं किया जा सकता है, क्यूंकि हर समाज के हर वर्ग की महिला इसे झेल रही है। कानून इस हिंसा को मानता है तभी कानून बने हुए हैं।

महिलाएं बरसों से परिवार के भीतर ही यौन हिंसा का शिकार हुई हैं - जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़

जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट ने 20 से 24 हफ्ते के गर्भ (unwanted pregnancy) का गर्भपात करने के ऐतिहासिक फैसले को सुनाते हुए कहा कि, गर्भपात किसी भी महिला का अधिकार है। लेकिन अदालत ने यह भी कहा कि, कैसे विवाहित महिलाएं, और अविवाहित महिलाएं परिवार के भीतर ही यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं और जबरन गर्भधारण का शिकार होती हैं।

एक महिला अपने पति द्वारा जबरन बनाए गए यौन संबंध से भी गर्भवती हो सकती है। और इस सच्चाई को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है, कि शारीरिक संबंध भी एक रेप का रूप ले सकती है। इसके साथ भी यह धारणा भी गलत है कि सिर्फ अनजान व्यक्ति ही यौन हिंसा और उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार होता है। परिवार के भीतर ही यौन उत्पीड़न सालों से चला आ रहा है, जिसे महिलाएं बरसों से झेलती आ रही है और हिंसा का शिकार हुई है।
जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़

आपको बता दें कि, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मैरिटल रेप (Marital Rape) को अपराध के रूप में मान्यता नहीं है। IPC की धारा 375 के अपवाद 2 मैरिटल रेप (Marital Rape) को रेप के दायरे से हटा देता है। सुप्रीम कोर्ट की एक और बेंच वर्तमान में अपवाद (Exception) को हटाने की अपील पर सुनवाई कर रही है।

To get all the latest content, download our mobile application. Available for both iOS & Android devices. 

Ganeshotsav 2025: Mumbai Police lists traffic restrictions, diversions

Bandra Fair 2025: Dates, new exhibition & cultural highlights

Ganesh Chaturthi 2025: Mumbai's GSB Seva Mandal secures record ₹474.46 cr insurance

After tiger terror, now leopard alarms Balrampur villages near Lucknow

Lucknow acts on SC order! Dog licensing mandatory, new leash rules

SCROLL FOR NEXT